Monday, December 13, 2010

Prafulla Chandra Chaki


India Post released a stamp on 11th December 2010 of Prafulla Chandra Chaki, a freedom fighter who sacrificed his life for Independence।

Prafulla Chaki was born on December 10, 1888 in the Bihari village of Bogra district, now in Bangladesh. Prafulla Chhaki was a Bengali revolutionary associated with the Jugantar group of revolutionaries who carried out assassinations against British colonial officials in an attempt to secure Indian independence.

Date Of Issue:- 11.12.2010.

नमन :-प्रफुल्ला चंद्र चाकी

वो लड़ते रहे अंगरेजों से और जब आखिरी गोली बची तो उसे चूमकर अपने आप को मार लिया जी हाँ ये कहानी चंद्रशेखर आजाद की लगती है , पर एक और आज़ादी का दीवाना था जिनसे आखिरी गोली से अपने आप को उडा लिया
१० दिसम्बर १८८८ को बिहारी ग्राम जिला बोगरा (अब बांग्लादेश ) में जन्मे प्रफुल्ला चंद्र चाकी को बचपन से ही अपनी मातृभूमि से लगाव था जब वो मात्र २० वर्ष के थे तब ही उन्होंने अंग्रेजो से लोहा लेना शुरू कर दिया था ।अपने छात्र जीवन से ही चाकी ने चाकी ने अंग्रेजों से बगावत शुरू कर दिया , अपने युवा साथी खुदीराम बोस के साथ मिलकर उन्होंने किंJustify Fullग्स्फोर्ड (जो की कलकत्ता के मजिस्ट्रेट थे) को मारने का विचार किया अप्रैल ३० १९०८ जब किंग्स्फोर्ड एक बग्ग्घी में जा रहा था तो खुदीराम बोस और प्रफुल्ला चाकी ने उसपर बम से हमला कर दिया , पर दुर्भाग्य से किंग्स्फोर्ड उस बग्ग्घी में सवार नही था और वो वच गया जब प्रफुल्ला और खुदीराम को ये बात पता चली की किंग्स्फोर्ड बच गया और उसकी जगह गलती से दो महिलाएं मारी गई तो वो दोनों थोरे से निराश हुए वो दोनों ने अलग अलग भागने का विचार किया और भाग गए खुदीराम बोस तो मुज्जफर पुर में पकरे गए पर प्रफुल्ला चाकी जब रेलगारी से भाग रहे थे तो समस्तीपुर में एक पुलिस वाले को उनपर शक हो गया वो उसने इसकी सूचनाआगे दे दी , शिनाक्त शिनाक्त हुई जब इसका अहसाह हुआ तो वो मोकामा रेलवे स्टेशन पर उतर गए पर पुलिस ने पुरे मोकामा स्टेशन को घेर लिया था दोनों और से गोलियां चली पर जब आखिरी गोली बची तो प्रपुल्ला चाकी ने उसे चूमकर ख़ुद को मार लिया और सहीद हो गए , पुलिस ने उनके शव को अपने कब्जे लेकर उनका सर काटकर कोलकत्ता भेज दिया ,वहां पर प्रफुल्ला चाकी के रूप में उनकी शिनाख्त हुई ..

देख तेरे जैसा है कोई जिसने जीता है जंहा.....

स्मिता :- तुम गौरव हो मोकामा का ,हिंदुस्तान का ।
तुमने कब्बडी मैं भारत को सिर्फ एक स्वर्ण नहीं दिलाया , बल्कि तुमने मोकामा के इतिहास को बदला ,जो लोग मोकामा को सिर्फ बुरे कारणों से जानते थे तुमने उन्हें मोकामा का एक नया रूप दिखाया ।तुमने सिर्फ अपने माँ ,बाप का नाम रौशन नहीं किया बल्कि अपने देश को भी गौरवान्वित किया ।
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तुम दिशा निर्देश हो उन लडकियौं के लिए जो जो कुछ करना चाहती है पर अपनी कमियौं के कारन आगे नहीं बढ़ पा रही है । उम्मीद है वो तुम्हारी सफलता की कहानी पढ़ कर कुछ नया कर सकें .----तुमने जिस संघर्ष से निकल कर अपनी रह चुनी । जिस हिम्मत से आगे आई ---वो निश्चय ही मोकामा की लडकियौं को आगे ले कर जायेगी॥
उम्मीद जिन्दा है ...तेरे सपने भी सच होंगें ..तू आगे तो बढ़... देख तेरे जैसा है कोई जिसने जीता है जंहा.....

Thursday, November 25, 2010

मोकामा

सोने से तुलने लगे दो कौरी के लोग ।
मूर्खों को सम्मान दें कैसे कैसे योग ।
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इतने बड़े विधानसभा मैं जड़. यु न आर. जे. डी किसी को कोई पढ़ा लिखा उम्मीदबार मिला । लोग मजबूर है आपराधी को झेलने को ॥
सच ही कहा है....
फ़ैल रहा है देश मैं एक भयंकर रोग ।
नैतिकता समझा रहे सभी अनेतिक लोग।
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मोकामा से अनंत कुमार सिंह ने फ़तेह हासिल कर लिया है ,उम्मीद है वो जनता के लिए काम करेंगे
अनंत सिंह ने सोनम देवी को 8954 वोटों से हरा कर विधानसभा मैं अपनी रह बनाई।..............

मोकामा (Mokama) विधानसभा क्षेत्र

मोकामा (Mokama) विधानसभा क्षेत्र
जिला पटना
लोकसभा मुंगेर
सांसद Rajiv Ranjan Singh
पार्टी Janta Dal United
कुल मतदाता 318547

Tuesday, October 26, 2010

ये लिखेन्गे मोकामा का इतिहास

Two JD-U candidates haven’t aged since 2005
Patna, Oct 26 (IANS) Looks like two Bihar legislators have not aged since the last assembly elections in 2005. One is still aged 41 in official records while another has actually gotten younger!

Anant Singh of the ruling Janata Dal-United (JD-U) stated in the last elections that he was 49, but this year he said he was only 41. Ajit Kumar of the same party said in 2005 and now that he was 41 years old, National Election Watch coordinator Anjesh Kumar told IANS.

Anant Singh is a legislator from Mokama while Ajit Kumar from Kanti seat.

Anjesh Kumar said the Election Commission should take action against them for cheating.

Anant Singh, locally known as Chhote Sarkar, is feared for his money and muscle power. There are dozens of criminal cases including those of murder and kidnapping registered against him.

source:-Thaindian News
अनंत कुमार: छोटे सरकार के नाम से प्रसिद्ध 46 वर्षीय अनंत कुमार जेडीयू के टिकट पर मोकामा से चुनाव लड़ रहे हैं.उन्‍होंने लोकजनशक्ति पार्टी के सांसद सूरजभान सिंह के भाई ललन सिंह को साल 2005 में हुए चुनावों में करारी मात देकर मोकामा सीट पर कब्‍ज़ा जमाया था.अनंत सिंह को जेडीयू नेतृत्‍व के काफी क़रीब माना जाता है. उनके ऊपर दर्जन भर से ज्‍यादा हत्‍या, फिरौती और अपहरण के मामले दर्ज़ हैं.
सौजन्यः-आजतक

आवाज

तख्त बदल दो ताज बदल दो

कल ना बद्ला आज बदल दो

तोरो तोरो तिलस्म आज

बैइमानो का राज बदल दो

Monday, October 25, 2010

विद्रोह

मोकामा मैं चुनाव नजदीक है बिगुल बज चूका है पता नहीं मैं अपने आप को रोक नहीं पा रहा हूँ मोकामा विधानसभा के चुनावी समर में इस बार चार बाहुबली ताल ठोंक रहे हैं। सत्ताधारी जद (यू) की ओर से मौजूदा विधायक अनंत सिंह, राजद-लोजपा गठबंधन की ओर से ललन सिंह की पत्नी सोनम देवी, संजय सिंह और मिट्ठू यादव बतौर निर्दलीय उम्मीदवार किस्मत आज़माएंगे। विगत दो विधानसभा चुनावों में अनंत सिंह और ललन सिंह के बीच सीधा मुक़ाबला होता रहा है. दोनों चुनावों में बाज़ी ललन सिंह के विपक्षी अनंत सिंह के हाथ लगती रही है, लेकिन इस बार इन दोनों को अपनी राह के दो रहबरों से चुनौती मिलने जा रही है. चारों बाहुबली जहां अपनी मुश्कें कस रहे हैं, वही आम लोग असमंजस में हैं कि आखिर किस बाहुबली के गले में विजय माला डाली जाए. चुनाव लड़नेवाले प्रत्याशियों का कम-से-कम मैटिक पास होना जरूरी हो, कभी इसकी वकालत भाजपा सांसद मशहूर वकील राम जेठमलानी ने की थी. अगर उनकी बात मान ली गयी होती, तो मोकामा से अनंत कुमार नामांकन दाखिल नहीं कर पाते. जी हां, जदयू के उम्मीदवार अनंत सिंह के पास कोई डिग्री नहीं है. वे सिर्फ साक्षर हैं,लोजपा की सोनम देवी नौवी पास है .इन उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान जो शपथ पत्र दिये हैं, उसमें उन्होंने अपनी शैक्षणिक योग्यता का विवरण भी दिया है। इनके गुणों की चर्चा नहीं करूँगा ये इतने बड़े है की किताब लिखी जा सकती है , जो निर्दलीय उम्मीदवार है उनकी बात नहीं पर जिनको पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है मेरा प्रश्न उनसे है क्या आप यही भविष्य देंगे बिहार को साक्षर और नौवी पास आपको पुरे मोकामा मैं एक भी ऐसा पड़ा लिखा नहीं मिला जिसे आप जनता के बीच भेज सके .लानत है आप सब पर जो मोकामा के लोगो को ऐसा उम्मीदवार दे कर मोकामा को और पीछे ले जाने का साजिश कर रहे है अभी आप जो कर ले पर मोकामा की जनता ही आपको सबक भी देगी
अनुरोध :-
राजनीति अच्छे लोगों के लिए नहीं है और यह आम चलन है पर ओशो रजनीश ने कहा कि जब तक अच्छे लोग राजनीति के सम्बंध में ऐसी विचारधारा रखेंगें बुरे लोग राजनीति में आतें रहेंगें। जागो मेरे गाउँ जागो जागो मेरे मोकामा वालों जागो इससे पहले की देर भी देर हो हो जाये अपनी पहचान बुलंद करो जरा यद् करो प्रफूला चाकी , यद् करो राम नन्दन बाबु , देखो अपने बुजुर्गों को , अपने बच्चों को क्या तुम इन्हें यही भविष्य दोगे क्या यही अनपढ़ लोग हमारे बच्चों का विकास करेंगे
जारो सोचो और वही करो जो दिल कहे . अपनी लड़ाई हमें खुद लड़नी होगी कमर कास लें
बाकि उम्मीद है .....



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