Friday, June 17, 2011

मोकामा :- धार्मिक स्थान (२)

मोकामा :- धार्मिक स्थान (२)
कल मैंने चर्चा की थी मोकामा के प्रसिद्ध  परशुराम  स्थान और  विषहरी स्थान की .आज भी इसी चर्चा को जारी रखते हुए .कुछ और धार्मिक संस्थानों की बात करते है ...
३.दुर्गा स्थान :- सकरवार टोला के केंद मैं स्थित माता दुर्गा का विशाल मंदिर शक्ति और भक्ति से भरपूर है, वैसे तो  नवरात्री में मोकामा में १५-२० दुर्गा प्रतिमा बिठाया जाता है .पर इस दुर्गा स्थान को सबसे पहला स्थान जाता  है .लोग बताते है की बहुत साल पहले एक महिला ने जब नवरात्री के समय दुर्गा की प्रतिमा का निर्माण हो रहा था तो वो छुप कर प्रतिमा देखने लगी .तो माँ दुर्गा ने उसे साक्षत निगल लिया था .लोग जब उस महिला को ढूंढ़  रहे थे तो वो कंही नहीं मिली पर अगले दिन जब प्रतिमा बनाने वाले कारीगर प्रतिमा बनाने आये तो दुर्गा की प्रतिमा के मुंह में उस महिला का वस्त्र मिला तब जाकर लोगों को इस बात की जानकारी हुई   मैंने बहुत जगह सुना है की फलां मंदिर के ट्रस्ट से स्कूल और हॉस्पिटल चल रहा है .पर इस माता के मदिर परिसर   में ही बच्चो के लिए स्कूल है .मगर मोकामा वासी की उदासीनता और सरकार की लापरवाही के कारन ये स्कूल लगभग मृतप्राय है .नवरात्री के दिन यंहा जबरदस्त मेला लगता है .सामाजिक लोग यंहा नाटक का मंचन भी करते है .जिससे मोकामा वासी का कुछ मनोरंजन हो जाता है.दुर्गा स्थान के ही मतदान केंद को कभी बी.बी.सी के कुर्बान अली जैसे धाकर संवाददाता ने भारत का सबसे संवेदनशील मतदान केंद कहा था .आज ये दुर्गा स्थान अपने भव्यता के कारन कम , अपराध और राजनीति के कारन ज्यादा जाना जाता है .मगर आज भी जो दिल से नवरात्री  के समय  माँगा  जाये माँ  दुर्गा वो जरुर पूरा  करती है ..
४.महादेव स्थान :- भगवान शंकर का मंदिर महादेव स्थान मोकामा के दो टोलों के ठीक बिच में है .जी हाँ मोकामा के सकरवार और मोलदियार टोला का बोर्डर है . रामायण काल में  जब राम भगवान अपने गुरुदेव के साथ माता सीता के स्वयम्बर में जा रहे थे तो इसी महादेव स्थान में उन्होंने विश्राम किया था राम ने  महादेव की पूजा आराधना की थी .भगवान राम ने जब भी महादेव की पूजा की भगवान शंकर ने उनकी इच्छा पूरी की . भगवान राम ने मोकामा में महादेव की पूजा की थी और मंदिर में विश्राम किया था तब से ही इस जगह को मोकामा कहा जाने लगा ..एक जगह और भी जब भगवान राम ने महादेव को इसी रूप में पूजा था तो वंहा का नाम रामेश्वरम पड़ा .बड़ी पवित्र जगह है महादेव स्थान . एक समय में महादेव स्थान मोकामा का सबसे बड़ा व्यापारिक केंद्र था .कलकत्ता ,बनारस ,बम्बई ,पटना आदि से लोग यंहा व्यापार करने आते थे . यंही पर गौरी माता का भी मंदिर है .कुमारी कन्यायें यंहा दोनों मंदिर में अपने लिए अछे पति की प्रार्थना करती है .और महादेव और माता गौरी की कृपा से उन्हें अपना मन पसंद जीवन साथी मिलता है .
जारी है ......................

Thursday, June 16, 2011

मोकामा के धार्मिक स्थान

मोकामा :- चलिए आज हम लोग मोकामा के कुछ धार्मिक स्थान के बारे में जाने.
१.परशुराम स्थान :- मोकामा के पूरब और पश्चिम दोनों छोर पर बाबा परशुराम का बड़ा ही प्यारा रमणीक मंदिर है .कहते है की यही बाबा परशुराम ने एक मरी हुई गाय को पुनह  जिन्दा कर दिया था .तब से ही बाबा परशुराम मोकामा के कुल देवता हो गए .लोगो की इस मंदिर में बड़ी श्रधा है .हरयाली से भरपूर स्वछ वातावरण ,एक कुआ है जिसका जल अमृत के सामान मीठा और स्वछ है .लोग यंहा पर अपने बच्चो का मुंडन ,ज्नेव और शादी भी करवाते है .बड़ी मान्यता है इस मंदिर की .जो लोग बाबा परशुराम से  दिल से मांगते है वो कभी यंहा से खाली  हाथ  नहीं लौटे है .जो लोग  गाय  पलते है .अपने गाय का पहला दूध बाबा परशुराम के चरणों में अर्पण करते है .तब  जाकर गाय के दूध को खाते  या बेचते है .मोकामा के लोग बाबा परशुराम को अपना पूर्वज (वंशज ) मानते है .शायद तभी मोकामा के लोग गुस्से वाले ,बातों बातों में जान ले और दे देते है .मगर धर्म में भी गहरी आस्था रखते है ...परशुराम की तरह विद्वान भी बहुत होते है यंहा के लोगों की विद्वता और चुस्ती फुर्ती के चर्चे चारो और है .बाबा के मदिर में यग्य का बड़ा महत्त्व है .कुछ सालों से यग्य बंद था पर सामाजिक प्रयास से ये पुनह हो रहा है .
२.भगवती स्थान (विषहरी स्थान ):- गंगा किनारे माता भगवती का मंदिर शक्ति  के लिए जाना जाता है .इस मंदिर में आस्था रखने वाले लोग बताते है की उन्होंने यंहा मुर्दे को जीते देखा है .यंहा माँ भगवती विषहरी रूप में विराजती है .बीमार ,लाचार ,अपंग  लोग यंहा अपने स्वस्थ की कामना करते है माँ भगवती उनकी मांगे जरुर पूरी करती है .सापं ,बिच्छू व् अन्य जहरीले जंतु के काटे को  माँ पल में ठीक करती है . सिर्फ मोकामा के ही नहीं वरन दूर दूर  से  लोग सापं बिच्छू काटे को लेकर यंहा आते है और ठीक होकर जाते है .लोगों का विस्वास है की अगर  किसी व्यक्ति को जहरीले जंतु ने काटा हो वो बिना किसी  डॉक्टर बैद्य को दिखाए माँ के दरवार में आ जाये तो वो जरुर ठीक हो जायेगा .जब यंहा के घरो में शादी होती है तो लड़का लड़की यंहा माता का आशीर्वाद लेने जरुर आते है .जब लड़के की शादी होती है तो लड़का माँ का आशीर्वाद लेकर ही शादी करने जाता है .जब लड़की की शादी होती है तो लड़की यंहा मंगरोड़(एक प्रकार की मिठाई जो आता ,मैदा ,गुड ,चीनी आदि से बनाया जाता है ) चढाने जाती है .अगर किसी कारन(पकरुआ,प्रेम विवाह आदि ) शादी मोकामा से न हो तो भी शादी के बाद भी नव दम्पति यंहा जरुर आते है .
जारी है....

Tuesday, June 14, 2011

मोकामा के लाल

मोकामा समूह आज कल शांत है ...कोई टॉपिक नहीं चल रहा ..चलिए हमलोग मोकामा के लाल को ढूंढे जिन्होंने मोकामा का नाम रौशन किया ...साथ साथ ही मोकामा कुछ महापुरुषों की भी कर्म भूमि रही है उनका भी चर्चा हो..चलिए कुछ एक नाम मैं अपनी जानकारी के हिसाब से जोड़ रहा हूँ .बाकि आप लोग सहयोग  करें और इस कड़ी को आगे बढाएं. 
१.श्री अटल बिहारी बाजपयी..जी हाँ सबसे पहला नाम मैंने अटल जी का लिया है .अटल बिहारी जी की जिन्दगी के बहुत नाजुक पल मोकामा मैं ही गुजरे है .लगभग ६-८ महीने का बनवास अटल जी ने मोकामा मैं ही काटा था. इमरजेंसी के पहले का ३-४ महिना बाजपयी जी ने मोकामा मैं ही गुजारा था .देखिये मैं उनकी बुराई नहीं कर रहा हूँ पर लोग बताते है की अटल जी को भांग(एक तरह का नशा ) की लत मोकामा मैं ही लगी थी .अटल जी स्व . राजो दा के घर पर दूध रोटी खाने के भी आदि हो गए थे .अटल जी बेकटेश प्रसाद सिंह उर्फ़ बिनो बाबु के परम मित्र है  उनकी दिनचर्या के बारे मैं और भी रोचक जानकारी हासिल की  जा सकती है मोकामा मैं जाकर ...
२.श्री मोहन दास करम चंद गाँधी - जी हाँ  मैं  बात कर रहा हूँ  प्यारे बापू महात्मा गाँधी जी की ..उन्होंने ने भी मोकामा में आज़ादी के आन्दोलन के समय अपना अमूल्य समय मोकामा में गुजारा था ..लोग बताते है कि जब वो मोकामा आये थे तो .चौकी पर चौकी डालकर पुरे ३० चौकी कि उचाई कि गयी थी तब जाके बापू ने मोकामा कि जनता को संबोधित  किया था ..वो खुद  ही कुआ से पानी खीचते थे और मर-मैदान करते थे .जब तक वो मोकामा में रहे उन्होंने अपना काम खुद ही किया ..
३.प्रफुल्ला चंद्र चाकी-आज़ादी का पहला चंद्रशेखर आज़ाद जिसने अंतिम गोली से खुद को उड़ा लिया .मगर अंग्रेजों कि अधीनता नहीं स्वीकारी .अपने छात्र जीवन से ही चाकी ने चाकी ने अंग्रेजों से बगावत शुरू कर दिया , अपने युवा साथी खुदीराम बोस के साथ मिलकर उन्होंने किंग्स्फोर्ड (जो की कलकत्ता के मजिस्ट्रेट थे) को मारने का विचार किया । अप्रैल ३० १९०८ जब किंग्स्फोर्ड एक बग्ग्घी में जा रहा था तो खुदीराम बोस और प्रफुल्ला चाकी ने उसपर बम से हमला कर दिया , पर दुर्भाग्य से किंग्स्फोर्ड उस बग्ग्घी में सवार नही था और वो वच गया । जब प्रफुल्ला और खुदीराम को ये बात पता चली की किंग्स्फोर्ड बच गया और उसकी जगह गलती से दो महिलाएं मारी गई तो वो दोनों थोरे से निराश हुए वो दोनों ने अलग अलग भागने का विचार किया और भाग गए । खुदीराम बोस तो मुज्जफर पुर में पकरे गए पर प्रफुल्ला चाकी जब रेलगारी से भाग रहे थे तो समस्तीपुर में एक पुलिस वाले को उनपर शक हो गया वो उसने इसकी सूचना आगे दे दी ,  जब इसका अहसाह हुआ तो वो मोकामा रेलवे स्टेशन पर उतर गए पर पुलिस ने पुरे मोकामा स्टेशन को घेर लिया था दोनों और से गोलियां चली पर जब आखिरी गोली बची तो प्रपुल्ला चाकी ने उसे चूमकर ख़ुद को मार लिया और शहीद  हो गए , पुलिस ने उनके शव को अपने कब्जे लेकर उनका सर काटकर कोलकत्ता भेज दिया ,वहां पर प्रफुल्ला चाकी के रूप में उनकी शिनाख्त हुई ।
जारी है..............................
 

Saturday, June 4, 2011

पहेली 5 :-चलिए एक पहेली बूझिये

पहेली 5 :-चलिए एक पहेली बूझिये . क्या आपलोगों ने कोई गीत संगीत सुना है  जिसमे मोकामा का वर्णन हो .कल मेरे एक मित्र ने मेरा मजाक उड़ाया और इस गीत के बारे मैं बताया ....उन्होंने कहा क्या आपका मोकामा यही है जो इस गीत मैं बज रहा है  और हँसने लगे ... पर मैं वो गीत अपने पेन ड्राइव मैं स्टोर कर चूका था .मुझे तो बस वो गीत सुनना था जिसमे मोकामा नाम से कुछ भी हो... और सच मानिये ये उतना बुरा नही है जितना उन्होंने कहा ...चलिए पहले पहेली हल कीजिये फिर मैं आपको यंही पर वो गीत सुनाऊंगा ......
अरे भैया नाराज़ मत होइए  हिंट भी दूंगा ..
हिंट:-१ गाना भोजपुरी भाषा मैं गया गया है .
२. एल्बम टी सीरिज  ने जारी किया था २००८ में

Friday, June 3, 2011

मोकामा विधानसभा १७८

चलिए आज मोकामा के शुरुआत  से लेकर अब तक कौन- कौन  लोग विधायक बने है .......जाने .. मेरा मकसद बिलकुल गैर राजनितिक है .बस आप लोगों की जानकारी के लिए बड़ी मुश्किल से ये डाटा जुगाड़ किया हूँ .अब डाटा अगर मुश्किल से मिला हो तो मैं उसे अपने पास नहीं रख सकता इसलिए आप सब लोगों से शेयर कर रहा हूँ..मोकामा विधानसभा के पहले निर्वाचित विधायक  श्री जगदीश नारायण सिन्हा ....और वर्तमान विधायक श्री अनंत कुमार सिंह है (मोकामा विधानसभा  १७८ )
१९५१-श्री जगदीश नारायण सिन्हा(कांग्रेस)
१९५७-श्री जगदीश नारायण सिन्हा(कांग्रेस)
१९६२-श्री सरयू नंदन प्रसाद सिंह (निर्दलीय )
१९६७-श्री बी लाल (आर पी आई )
१९६९-श्री कामेश्वर प्रसाद सिंह (कांग्रेस)
१९७२-श्री मति  कृष्णा शाही  (कांग्रेस)
१९७७-श्री मति  कृष्णा शाही  (कांग्रेस) 
१९८०-श्री श्याम सुन्दर सिंह धीरज (कांग्रेस) 
१९८5-श्री श्याम सुन्दर सिंह धीरज (कांग्रेस) 
१९९०-श्री दिलीप कुमार सिंह (जनता दल) 
१९९5-श्री दिलीप कुमार सिंह (राष्टीय जनता दल)
२०००-श्री सूरजभान सिंह (निर्दलीय )
फरवरी २००५-श्री अनंत कुमार सिंह(जनता दल यूनाइटेड )
अक्तूबर २००५-श्री अनंत कुमार सिंह(जनता दल यूनाइटेड )
२०११-श्री अनंत कुमार सिंह(जनता दल यूनाइटेड )
ये आंकरा है अभी तक के विधानसभा मोकामा के निर्वाचित सदस्यों  का ..अगर कोई त्रुटी हो तो  बताएं .हम आपके आभारी होंगे





Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...