Wednesday, August 19, 2009

उम्मीद

"मिला दे खाक में हस्ती
अगर कुछ मर्तबा चाहे ।
की दाना खाक में मिलकर
गुले गुलजार होता है ॥"
किसी ने सच ही कहा है कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है । अगर आपके अन्दर कुछ करने की चाह है तो कोई आपकी मंजिल को आपसे अलग नही कर सकता है । जिसने जब कोई कम दिल से ठान तो वो कर सकता है चाहे परिस्थिथि कितनी ही विपरीत क्यों न हो । अपने लक्ष्य को सामने रखकर जो लगन से उस काम में लग जाता है उसे मंजिल मिल ही जाती है।
एक शेर अर्ज है :---
"भटको न अपने पथ से
तो सब कुछ पा सकते हो प्यारे
तुम भी ऊँचे उठ सकते हो
छु सकते हो नभ के तारे "
बड़े बड़े लोगों की जीवनी उठा कर देख लें सब ने अपने आरम्भिक जीवन में काफी दुःख झेले है पर उनलोगों ने डटकर उसका मुकाबला किया ओर उससे जीता तो ही आज उनका नाम है नही तो वो भी आज एक आम इन्सान की तरह ही होते ।

3 comments:

  1. बहुत ही खुब्सूरत एहसास को बडे ही इमानदारी से प्रस्तुत करी है.....इस्के लिये बधाई

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  2. bahut acchi likhi hai bhaiyaa likhte rahiyo

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  3. he bro sayad mai aapko janta hu.aaj bahut khush ho raha hu ki koi to hai jo apne gao ke bare be sochta hai.aaj mokama ka jo haal hai, dayad aap jaise 2-4 log rahe to mokama sudhar jayaga.

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