Wednesday, July 29, 2009

मोकामा


मेरा मोकामा में आप सब लोगो का हार्दिक स्वागत है ! यह बिहार प्रान्त का एक सुंदर सा शहरहै ! गंगा नदी के किनारे बसा होने के कारन यंहा के लोग रोज गंगा में नहा कर आपने आप को पवित्र और आन्दिन्तित महशुस करते है ! मोकामा टाल भारत का दूसरा सबसे बड़ा दलहन उत्पादक छेत्र है ! यंहा की ६० % आबादी खेती पर ही निर्भर करती है ! यों तो इलाहाबादको संगम कहा जाता है पर मोकामा के पास आकर गंगा भी दो भागो में बट गई है और मोकामा टाल में भी एक नदी है तो मोकामा भी एक तरह से संगम का ही रूप हो गया है ! वैसे भी मोकामा का गंगा घाट भारत के मुख्य घाटों में से एक है ! संगम की तरह ही यंहा के टोला को बांटा गया है ३ भागो में ---- सकरवार टोला , मोलदियार टोला और धोरानी टोला , मगर हम अगर चिंतामणि चक्क की बात न करे तो तो मोकामा की खुबशुरती कम पर जायेगी ! मोकामा बिहार का सबसे मुख्य शहर है मोकामा में ही बिहार की ७० % खेती होती है ! यंही रेलवे का भारत भेंगन का कारखाना है ,यही भारत का दूसरा सबसे बड़ा बाटानगर है , यही पर म्क्दोवेल का कारखाना है, यही पर बिहार का सबसे बड़ा C.R.P.F है , यही बिहार का एक मात्र R.P.F है,यही बिहार का एकमात्र सुता मिल है ! हम यों कह सकते है की मोकामा बिहार का सबसे बड़ा उधोगिग्क शहर है ! यंहा का इतिहास और भूगोल तो बहुत अछा है पर यंहा का वर्तमान काफी शर्मनाक है ! यहाँ के लोग मेरे भाई सब आपस में ही लड़ कर मर गए और आज भी आपनो को ही नुक्सान पंहुचा रहे है ।

भारत वैगन एण्ड इंजिनियरिंग कम्पनी ( मोकामा )

भारत वैगन एण्ड इंजिनियरिंग कम्पनी (बी.डब्लू.ई.एल) आई.एस.ओ.-9001:2000 प्रमाणित एक केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। यह भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय के अंतर्गत, भारी उद्योग विभाग में 13.08.2008 तक था। 13.08.2008 के अपरान्ह से इस कम्पनी का प्रशासनिक नियंत्रण रेल मंत्रालय को स्थानान्तरित कर दिया गया है।दिसम्बर 1978 में दो निजी क्षेत्र की रूग्न वैगन विनिर्माता कम्पनियों मेसर्स आर्थर बटलर कम्पनी लिमिटेड, मुजफ्फरपुर एवं मेसर्स ब्रिटेनियॉ इंजिनियरिंग कम्पनी लिमिटेड (वैगन प्रभाग) मोकामा का अधिग्रहण कर भारत वैगन को निगमित किया गया है। एल.पी.जी. सिलिण्डर के निर्माण के लिए इंडस्ट्रियल स्टेट बेला, मुजफ्फरपुर को वर्ष 1983-84 में कम्पनी की तीसरी विनिर्माण इकाई के रूप में शामिल किया गया है। वर्ष 1986 में भारी उद्योग मंत्रालय के अधीन भारत भारी उद्योग निगम की समानुषंगी इकाई के रूप में कम्पनी को शामिल किया गया।मुजफ्फरपुर एवं मोकामा की दोनों इकाईयाँ पारंपरिक रूप से वैगन विनिर्माण कार्य से जुड़ा कारखाना है। अभिविन्यास, संयंत्र एवं यंत्र-समूह तथा स्थान, इस उत्पाद के लिए आदर्श रूप से उपयुक्त है। स्टील संरचना में आधे शतक से अधिक के प्रचुर अनुभव के साथ, भारत वैगन में बड़े स्टील संरचना कार्य के लिए जरूरी प्रायः सभी आधारभूत सुविधाएँ उपलब्ध हैं। 316 मि.टन क्षमता के ब्रेक प्रेस की उपलब्धता इस दिशा में एक दुर्लभ परिसम्पति है। सभी तीनों इकाईयाँ विद्युत आपूर्ति के मामले में डी.जी. सेटों की उपलब्धता के कारण आत्मनिर्भर हैं। कारखानों के प्रमुख रेलवे स्टेशनों के पास होने के कारण प्रचालन में सुविधा संभव हो सकी है।

आनंद शंकर के डीजीपी बनने पर मोकामा में जश्न

मोकामा नगर परिषद क्षेत्र के मोलदियार टोला निवासी आनंद शंकर को डीजीपी बनाये जाने पर मोकामा में जश्न का माहौल है। आनंद शंकर के पदभार ग्रहण की खुशी में यहां के लोगों ने अबीर-गुलाल उड़ा खुशी का इजहार किया और एक दूसरे को मिठाई भी खिलायी। रामसकल सिंह के पुत्र आनन्द शंकर को एक साधारण परिवार से सूबे के डीजीपी तक सफर तय करने पर मोकामा में जश्न का माहौल रहा। लोगों ने अबीर गुलाल लगा, आतिशबाजी कर व मिठाइयां बांटकर एक साथ दीपावली व होली मनाकर खुशी का इजहार किया। लोग मोकामा के लाल को इतनी बड़ी कुर्सी सौंपने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति आभार प्रकट करते नहीं थक रहे थे। बधाई देने वालों में विधान पार्षद नीरज कुमार, उदय प्रकाश, संजीव कुमार, पवन कुमार, परशुराम पारस, चंचल कुमार, रामदेव यादव, वासुदेव वर्मा उर्फ गुरु जी, महेश्वर यादव, मनोज मोलदियार, अवधेश कुमार समेत दर्जनों लोग शामिल हैं।
सोजन्य (दैनिक जागरण जुलाई २८ )

गंगा नदी



गंगा नदी के किनारे सूर्यास्त का नजारा मन को मोह लेता है । यों तो सूर्योदय तो बेहतरीन होता है मगर में सुबह देर तक सोता हूँ इसलिये मै सूर्यास्त की तस्वीर ही लगा प् रहा हूँ ।
ये तस्वीर गंगा घाट मोकामा की है जो महादेव स्थान से मोल्दियर टोला की ओर खीचा गया है । उम्मीद है आप लोग इसे देखकर खुश हुए होंगे ।
गंगा दुनिया की सबसे बड़ी नदियों में से एक है जो उत्तरी भारत में बहती है। गंगा का उदगम हिमालय से भागीरथी के रुप मे गंगोत्री हिमनद से उत्तरांचल में होता है। बाद में यह देवप्रयाग के पास अलकनंदा से मिलती है। इसके बाद से गंगा उत्तरी भारत के विशाल मैदानी इलाके से होकर बहती हुई बंगाल की खाड़ी में बहुत सी शाखाओं में विभाजित होकर मिलती है। इनमें से एक शाखा का नाम हुगली नदी भी है जो कोलकाता के पास बहती है, दूसरी शाखा पद्मा नदी बांग्लादेश में प्रवेश करती है। इस नदी की पूरी लंबाई लगभग 2507 किलोमीटर है। इस नदी और बंगाल की खाड़ी के मिलन स्थल पर बनने वाले मुहाना को सुंदरवन के नाम से जाना जाता है जो विश्व की बहुत सी प्रसिद्ध वनस्पतियों और मशहूर बंगाल टाईगर का गृहक्षेत्र है।
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