Thursday, August 6, 2009

पहचान को तरसीं 'शहीद महिलाएँ'

मोकामा के करीब 86 वर्षीय सुधीर महतो ने अपने इलाके की शहीद महिला के बारे में कहानी बताई, लेकिन उम्रदराज होने के चलते और उस समय फरार हो जाने के चलते वह नाम नहीं बता पाए। जब महिला शहीदों का रिकॉर्ड खंगाला गया तो पता चला कि गोली का शिकार हुई पटना के ही मोकामा प्रखंड की एक अज्ञात महिला अपने दुधमुँहे बच्चे के साथ अंग्रजों के खिलाफ लड़ाई करती हुई शहीद हुई थी, लेकिन आज तक न तो उसके और न ही उसके बच्चे के नाम का पता चल सका, क्योंकि उसके बारे में बताने वाला शायद कोई नहीं था। सभी लोग या तो गाँव छोड़कर भाग गए या उनमें से कुछ मारे गए।

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