Thursday, June 16, 2011

मोकामा के धार्मिक स्थान

मोकामा :- चलिए आज हम लोग मोकामा के कुछ धार्मिक स्थान के बारे में जाने.
१.परशुराम स्थान :- मोकामा के पूरब और पश्चिम दोनों छोर पर बाबा परशुराम का बड़ा ही प्यारा रमणीक मंदिर है .कहते है की यही बाबा परशुराम ने एक मरी हुई गाय को पुनह  जिन्दा कर दिया था .तब से ही बाबा परशुराम मोकामा के कुल देवता हो गए .लोगो की इस मंदिर में बड़ी श्रधा है .हरयाली से भरपूर स्वछ वातावरण ,एक कुआ है जिसका जल अमृत के सामान मीठा और स्वछ है .लोग यंहा पर अपने बच्चो का मुंडन ,ज्नेव और शादी भी करवाते है .बड़ी मान्यता है इस मंदिर की .जो लोग बाबा परशुराम से  दिल से मांगते है वो कभी यंहा से खाली  हाथ  नहीं लौटे है .जो लोग  गाय  पलते है .अपने गाय का पहला दूध बाबा परशुराम के चरणों में अर्पण करते है .तब  जाकर गाय के दूध को खाते  या बेचते है .मोकामा के लोग बाबा परशुराम को अपना पूर्वज (वंशज ) मानते है .शायद तभी मोकामा के लोग गुस्से वाले ,बातों बातों में जान ले और दे देते है .मगर धर्म में भी गहरी आस्था रखते है ...परशुराम की तरह विद्वान भी बहुत होते है यंहा के लोगों की विद्वता और चुस्ती फुर्ती के चर्चे चारो और है .बाबा के मदिर में यग्य का बड़ा महत्त्व है .कुछ सालों से यग्य बंद था पर सामाजिक प्रयास से ये पुनह हो रहा है .
२.भगवती स्थान (विषहरी स्थान ):- गंगा किनारे माता भगवती का मंदिर शक्ति  के लिए जाना जाता है .इस मंदिर में आस्था रखने वाले लोग बताते है की उन्होंने यंहा मुर्दे को जीते देखा है .यंहा माँ भगवती विषहरी रूप में विराजती है .बीमार ,लाचार ,अपंग  लोग यंहा अपने स्वस्थ की कामना करते है माँ भगवती उनकी मांगे जरुर पूरी करती है .सापं ,बिच्छू व् अन्य जहरीले जंतु के काटे को  माँ पल में ठीक करती है . सिर्फ मोकामा के ही नहीं वरन दूर दूर  से  लोग सापं बिच्छू काटे को लेकर यंहा आते है और ठीक होकर जाते है .लोगों का विस्वास है की अगर  किसी व्यक्ति को जहरीले जंतु ने काटा हो वो बिना किसी  डॉक्टर बैद्य को दिखाए माँ के दरवार में आ जाये तो वो जरुर ठीक हो जायेगा .जब यंहा के घरो में शादी होती है तो लड़का लड़की यंहा माता का आशीर्वाद लेने जरुर आते है .जब लड़के की शादी होती है तो लड़का माँ का आशीर्वाद लेकर ही शादी करने जाता है .जब लड़की की शादी होती है तो लड़की यंहा मंगरोड़(एक प्रकार की मिठाई जो आता ,मैदा ,गुड ,चीनी आदि से बनाया जाता है ) चढाने जाती है .अगर किसी कारन(पकरुआ,प्रेम विवाह आदि ) शादी मोकामा से न हो तो भी शादी के बाद भी नव दम्पति यंहा जरुर आते है .
जारी है....

No comments:

Post a Comment

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...